Chapter 3
नमस्कार दोस्तों, चैप्टर 3 मे आप सब का स्वागत है |आज हम जानेंगे मैन्युफैक्चरिंग से कस्टमर तक सफर |
मैन्युफैक्चरिंग से कस्टमर्स तक सामान कैसे पहुँचता है आज हम जानेगे | कैसे लोग अमीर का अमीर रह जाता है और गरीब का गरीब रह जाता है |आप रोजाना नहाते है , नहाने समय आप साबुन लगाते है पर कभी आपने सोचा है की ये साबुन कितना रुपया लागत लगा होगा इसे बनाने मे |
मान कै चलो आप एक साबुन 10 रुपया मे एक दुकान से खरीद कै लाया, पर इसका जो लागत होता है आप जान कै हैरान हो जाओगे | इसका जो लागत है मात्र 3 रुपया |अब आप सोचिये मात्र 3 रुपया का साबुन है और हम इसे ख़रीदे है 10 रुपया मे |पर ये 3 रुपया का साबुन 10 रुपया कैसे हो जाता है
आज हम जानेंगे -
मेन्युफैक्चर - (साबुन ) मात्र 3रुपया
मान कै चलिए साबुन तो कम्पनी ने बना लिया पर इस साबुन को कौन जनता है की ये नाम का कोई साबुन बनाया है किसी कम्पनी ने | इसके लिए कम्पनी क्या करता है | कम्पनी अपना साबुन को लोगो की दिमाग़ मे सेट करने करने कै लिए और उसे धीरे धीरे लोगो की आदत बनाने कै लिए वो प्रचार करते है और वो प्रचार हम और आप करते है नहीं....क्यूंकि आपको और हमको तो कोई पहचानते नहीं है इसके लिए कम्पनी कोई ऐसा चेहरा खोजते है जो उसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब पहचनते है |
इसके लिए कम्पनी कोई अभिनेत्री से प्रचार करते है| कम्पनी अपना साबुन प्रचार करने कै लिए अभिनेत्री को बोलते है ये मेरे कम्पनी कै साबुन है आप इसे प्रचार करो बदले मे आपको कुछ परसेंटेज रुपया दूंगा | यानि जितना साबुन बनेगा उसका कुछ परसेंटेज देगा |
अब अभिनेत्री उस साबुन का प्रचार करते है की ये साबुन लगाओ मेरे जैसा गोरा बदन पाओ... मेरे इस खूबसूरती का राज ये साबुन है... बस यह प्रचार टीवी मे दिखा देते है और लोग उसे देखने कै बाद सोचते ये साबुन वो अभिनेत्री लगाती है अब हम भी लगाएंगे और गोरा हो जायेंगे साबुन लगाने से यदि गोरा होता तो काले लोग कभी काले नहीं रहते सभी गोरे होते | अभिनेत्री को बस इतना सा प्रचार कै लिए करोड़ों रुपया मिलता है | पर आपको क्या लगता है करोड़ो रुपया लेने वाली ये 10 रुपया का साबुन लगाती होंगी... बिलकुल नहीं.. पर हम और आप जरूर लगाएंगे |
अब 3 रुपया का साबुन...2 रुपया प्रचार.. कुल मिलाकर अब 5 रुपया हो गया..
मैन्युफैक्चरिंग हो गया और प्रचार भी हो गया अब साबुन को कम्पनी से मार्केट मे लाना है उसके लिए स्टेट लेवल को 2 रुपया, डिस्ट्रिक्ट लेवल को 1 रुपया होल सेलर को 1 रुपया, उसके बाद रिटेलर को भी 1 रुपया, कुल मिलाकर हो गया 10 रुपया जो हम और आप खरीदते
साबुन का मैन्युफैक्चरिंग मे हुआ 3 रुपया का लागत और ये हमारे पास यानि कस्टमर कै पास आते आते 10 रूपये का हो गया |
अब इस सारा प्रोसेस मे जितने भी सामिल है मैन्युफैक्चरिंग से लेकर रिटेलर तक सभी कै सभी अमीर कै अमीर होता जा रहा है, हम और आप जो कस्टमर है 3 रुपया का साबुन 10 रूपये मे खरीदते है | अब इस सारा बिचौलिया को छोड़ कै अगर कोई गरीब है तो वो है कस्टमर | इसका नाम ही है कस्ट से मर जो है कस्टमर |
हम आप से जानना चाहते की अगर आपको:-
1*1 =1 और 1+1=2
इस दोनों मे से आपको कोई एक को चुनना है तो आप किसे चुनेंगे..1 रुपया या 2 रूपया कमैंट्स मे जरुर लिखें |